10 questions
अभय सिंह के बारे में गलत कथन चुनिए -
कई मौकों पर उन्होंने महाराणा लाखा को संभालने की कोशिश की
वे राम हेमू के पास महाराणा लाखा का संदेश लेकर आए थे
मेवाड़ का पद हथियाना चाहते थे
वे मेवाड़ के सेनापति थे
राव हेमू के बारे में सही कथन-
हाड़ा वंश के थे और किसी की गुलामी स्वीकार नहीं करना चाहते थे
महाराणा लाखा के मित्र थे
मेवाड़ के शासक थे
उन्होंने महाराणा लाखा को नकली गढ़ बनाने का सुझाव दिया
पाठ के आधार पर हाड़ाओं के विषय में गलत विकल्प चुनिए -
वीरता में मुट्ठी भर हाड़ा भी बड़ी से बड़ी सेना पर भारी पड़ते थे l
युद्ध में वे यम से भी नहीं डरते थे l
हाड़ाओं ने सिसोदिया की गुलामी स्वीकार कर ली थी l
हाड़ा वंश किसी की गुलामी स्वीकार नहीं करना चाहता था l
जिनकी खाल मोटी होती है उनके लिए किसी भी बात में कोई भी अपयश, कलंक या अपमान का कारण नहीं होता प्रस्तुत कथन के वक्ता हैं -
महाराणा लाखा
अभय सिंह
राव हेमू
वीर सिंह
मैं अपने मस्तक के इस कलंक के टीके को धो डालना चाहता हूं-
वक्ता के लिए कलंक है मैदान में हार -
आजाद मैदान में हार
नीमरा के मैदान में हार
पानीपत के मैदान में हार
पलासी के मैदान में हार
बूंदी को उसके धृष्टता के लिए दंड दिया जाएगा,-बूंदी ने क्या धृष्टता की थी?
उन्होंने महाराणा को सम्मान नहीं दिया था
बूंदी के सैनिक मेवाड़ की सेना में काम करते थे
मुट्ठी भर हाड़ाओं ने सिसोदिया को पराजित किया था
उन्होंने कर नहीं चुकाया था
प्रस्तुत एकांकी का क्या संदेश है -
अपनी मातृभूमि के मान के लिए तन- मन न्योछावर कर देना चाहिए
निज मान से श्रेष्ठ है देश का मान
आपसी एकता से ही हम देश की रक्षा कर सकते हैं
उपर्युक्त सभी
बूंदी आप जैसे पुत्रों को पाकर फूली नहीं समाती -
प्रस्तुत कथन किसके लिए कहा गया है -
सेनापति अभय सिंह के लिए
महाराणा लाखा के लिए
वीर सिंह के साथियों के लिए
राव हेमू के लिए
वीर सिंह के चरित्र के विषय में गलत विकल्प चुनिए -
वह सिसोदिया वंश का था
अपने नाम के अनुसार वह वीर था
खेल - खेल में भी वह अपने देश का अपमान नहीं सह सकता था
उसने नकली दुर्ग पर भी हाड़ा का ध्वज फहराने की प्रतिज्ञा ली थी
धिक्कार है तुम्हें ! नकली बूँदी भी प्राणों से अधिक प्रिय है -
प्रस्तुत कथन में नकली बूँदी से तात्पर्य है -
मेवाड़ के नकली दुर्ग से
अभय सिंह के दिए गए उपाय से
चारणी द्वारा महाराणा लाखा की प्रतिज्ञा पूरी करने हेतु दिए गए नकली दुर्ग के उपाय से
राव हेमू के नकली दुर्ग से