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7 questions
अरुणा और चित्रा के बीच में क्या सम्बन्ध हैं ? उनके विचार कैसे हैं ?
अरुणा और चित्रा बहुत अच्छी सहेलियाँ हैं . दोनों एक ही साथ पढ़ाई करती हैं . दोनों की सोच जीवन के प्रति अलग - अलग है .चित्रा,कला के प्रति समर्पित है और जीवन के रंगों को कैनवास पर उतारना चाहती है जबकि अरुणा जीवन को जैसा है उसे सेवा भाव से पूरा करती हैं .
भिखारिन पेड़ के नीचे अक्सर बैठी रहती थी . लौटते समय चित्रा ने देखा कि वह मरी पड़ी है .उसके बच्चे उसके सूखे शरीर से चिपककर बुरी तरह रो रहे हैं .अतः ऐसे अवसर पर चित्रा को लगा कि यह चित्र बनाने का सबसे उपयुक्त अवसर है और वह तुरंत उस दृश्य का रफ - सा स्केच बना डाला
दो कलाकार,कहानी के माध्यम से कहानीकार ने क्या शिक्षा दी है
भिखारिन पेड़ के नीचे अक्सर बैठी रहती थी . लौटते समय चित्रा ने देखा कि वह मरी पड़ी है .उसके बच्चे उसके सूखे शरीर से चिपककर बुरी तरह रो रहे हैं .अतः ऐसे अवसर पर चित्रा को लगा कि यह चित्र बनाने का सबसे उपयुक्त अवसर है और वह तुरंत उस दृश्य का रफ - सा स्केच बना डाला .
. दो ,कलाकार मन्नू भंडारी जी की प्रसिद्ध कहानी है जिसने उन्होंने यह बताने का प्रयन्त किया है कि जीवन में एक सच्चे कलाकार की क्या पहचान होती है . दोनों ही सहेलियाँ अलग - अलग रास्ते पर चलती हुई आगे बढती है एक प्रसिद्धी और धन कमा रही है तथा दूसरी आत्मतोष . इनके माध्यम से मन्नू भंडारी ने समझाना चाहा है कि परोपकार का जीवन जीने वाला मनुष्य ही सच्चा मनुष्य है और वही जीवन का सच्चा कलाकार है .इस रूप में अरुणा सार्थक कलाकार के रूप में सामने आती है
चित्रा क्या सुनकर हैरान रह गयी ?
भिखारिन पेड़ के नीचे अक्सर बैठी रहती थी . लौटते समय चित्रा ने देखा कि वह मरी पड़ी है .उसके बच्चे उसके सूखे शरीर से चिपककर बुरी तरह रो रहे हैं .अतः ऐसे अवसर पर चित्रा को लगा कि यह चित्र बनाने का सबसे उपयुक्त अवसर है और वह तुरंत उस दृश्य का रफ - सा स्केच बना डाला
जब अरुणा ने चित्रा को बताया कि ये बच्चे वही भिखारिन के बच्चे हैं तो वह सुनकर अवाक रह गयी .अरुणा ने बच्चों को यह भी बताया कि यह आपकी मौसी है और बहुत प्रसिद्ध चित्रकार हैं
भिखारिन कहाँ बैठी रहती थी ? चित्रा ने क्या देखा ?
भिखारिन पेड़ के नीचे अक्सर बैठी रहती थी . लौटते समय चित्रा ने देखा कि वह मरी पड़ी है .उसके बच्चे उसके सूखे शरीर से चिपककर बुरी तरह रो रहे हैं .अतः ऐसे अवसर पर चित्रा को लगा कि यह चित्र बनाने का सबसे उपयुक्त अवसर है और वह तुरंत उस दृश्य का रफ - सा स्केच बना डाला .
अरुणा , कला को निरर्थक मानती थी . उसे कला बेकार की बात लगती थी .उसे ऐसा लगता था की जैसे जो कला किसी आदमी के काम न आये वह बेकार है .
कला के प्रति अरुणा के क्या विचार थे ?
. अरुणा , कला को निरर्थक मानती थी . उसे कला बेकार की बात लगती थी .उसे ऐसा लगता था की जैसे जो कला किसी आदमी के काम न आये वह बेकार है
चित्रा ने बन्दर उन बच्चों को कहा जो की अरुणा को पढ़ाने के लिए बुलाने आये थे . चित्रा का जीवन लक्ष्य एक महान चित्रकार बनना था . वह संवेदनहीन लड़की थी .वह प्रायः अरुणा का मज़ाक उड़ाया करती थी
"मुझे तो तेरे दिमाग के कन्फ्यूजन का प्रतीक नज़र आ रहा है, बिना मतलब जिंदगी खराब कर रही है।"
उपर्युक्त अवतरण की वक्ता और श्रोता का परिचय दें।
चित्रा एक चित्रकार है और अरुणा उसकी मित्र अभी-अभी कुछ समय पहले उसने एक चित्र पूरा किया था जिसे वह अपनी मित्र अरुणा को दिखाना चाहती थी इसलिए चित्रा ने अरुणा को नींद से जगा दिया।
उपर्युक्त अवतरण की वक्ता अरुणा और श्रोता चित्रा है। ये दोनों अभिन्न सहेलियाँ हैं। अरुणा और चित्रा पिछले छः वर्षों से छात्रावास में एक साथ रहते हैं। चित्रा एक चित्रकार है और अरुणा को लोगों की सेवा करने में आनंद मिलता है।
कागज़ पर इन निर्जीव चित्रों को बनाने के बजाय दो-चार की जिंदगी क्यों नहीं बना देती! तेरे पास सामर्थ्य है, साधन हैं!"
उपर्युक्त कथन का संदर्भ स्पष्ट करें।
चित्रा चाय पर अरुणा का इंतजार कर रही होती है। इतने में अरुणा का आगमन होता है और चित्रा उसे बताती है कि उसके पिता का पत्र आया है जिसमें आगे की पढ़ाई के लिए उसे विदेश जाने की अनुमति मिल गई है। उस समय आपसी बातचीत के दौरान अरुणा चित्रा से उपर्युक्त कथन कहती है।
चित्रा एक चित्रकार है और अरुणा उसकी मित्र अभी-अभी कुछ समय पहले उसने एक चित्र पूरा किया था जिसे वह अपनी मित्र अरुणा को दिखाना चाहती थी इसलिए चित्रा ने अरुणा को नींद से जगा दिया।
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